Sunday, January 27, 2013

न होता खोफ़

न होता खोफ़ गर भटकती रूहोंका
तो जनाजे मे कौन जाता ?
जिन्हें कीमत नहीं ज़िंदा लाशों की
उन्हें मुर्दों से क्या होता वास्ता ?

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