Saturday, May 22, 2010

નવરાશ

કોઈને આમ કોઈ,
અમથું કઈ યાદ કરતું નથી
એતો નવરાશ નું જાદુ છે
સમયની બલિહારી છે બધી
માનવ માત્ર એનું પ્યાદું છે

Wednesday, May 19, 2010

सखी

सखी चालोने मेले वैशाखना, खेल नजर्युना खेलवाने जइये
सखी चालोने धिक् धीकता जेठमा, रीत प्रीतनी पाकी करीये
सखी चालोने आषाढी मेह्मा, भींजाई ने नेहमाँ नीतरिये
सखी चालोने सूका श्रावनमा, थोड़ा अलगा रहीने तरसीये
सखी चालोने राधा आठममा, भेला कालींदी कांठडे थइये
सखी चालोने शारदी पूनममा, माना गरबा उमंगमा घुमीए
सखी चालोने काली चौदशमा, दीवा अन्तरमा उंडा प्रगटावीये
सखी चालोने देव दिवालीये, दीवा श्रद्धाना देवने चढ़ावीये
सखी चालोने पोषनी टाढमा, उनां शमनानी संगमा पोढीये
सखी चालोने महा मासमा, शुभ पगलां प्रभूतामा पाडीये
सखी चालोने वायरे वसंतना, गीत भमराना गुण गुणाइये
सखी चालोने होलिना संगमा, रेला रंगना जीवने वहावीये

Sunday, May 16, 2010

आप छो

नथी मलवाना कदी क्यारेय, मृगजल, मात्र भास छो
समजूं, तोये न बुज़ाये एवी अधूरी प्यास छो

Friday, May 7, 2010

जमाई

परन्या पछी पुरुष पोतानी पत्नीनी माँ ने कहे छे
तुं ज.. माई
पोतानी माता ने कहे छे
जा, माई