एक एहसास था दिल में, लिए जिसे उम्र गुजर गई
खयालोंमे तुम्हारे तन्हाइयां दुरसे ही गुजर गई
ये क्या हो गया, इत्तेफाक्से मुलाक़ात तुमसे हो गई
वो एहसासकी सुनहरी दुनिया टूट चकना चूर हो गई
-भरत शाह
खयालोंमे तुम्हारे तन्हाइयां दुरसे ही गुजर गई
ये क्या हो गया, इत्तेफाक्से मुलाक़ात तुमसे हो गई
वो एहसासकी सुनहरी दुनिया टूट चकना चूर हो गई
-भरत शाह
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