बाजपाई पड़े है चारपाई
व्यस्त है मोहन-गांधी रोकने में
इधर उधर चलती रहती हाथापाई
कर लेने दो राहुल को अभी थोड़ी कमाई
फिर देखना होती है कैसी रामदेव की धुलाई
है उसके पास करोंडो तो क्या
वो भी किसीसे कम नहीं है भाई
सूना है स्वीट्ज़रलैंड में मिलती है
उन्हें हररोज मलाई ही मलाई
करे हज़ारे हज़ारो अनशन
देदे अपनी जान लेने पीड पराई
फर्क नहीं पड़ने वाला है कोई
नेता तो क्या यहाँ तो चपराशीभी
छोड़ता नहीं है मुफ्त में मिलती पाई
कोंग्रेस, बीजेपी, जनता दल के फिर
हो एरी गेरी पार्टी कोई
सोचता नहीं कोई देश की भलाई
सोचेगा भी क्यों
जब जनता ही नहीं समज पाती
कौन करता है देशभक्ती और कौन भवाई
भरत शाह
Godhra
Sunday, March 4, 2012
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